पहलवान बवाल मामला-
नाबालिग आरोप मामले में दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान के बयान के आधार पर बृजभूषण शरण सिंह को दी क्लीन चिट-
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से पॉक्सो के तहत दर्ज मामले को रद्द करने की माँग की !!
बालिग़ पहलवानों के मामले में बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस ने 354,354A और 354 D धारायें जोड़ीं !!
दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान के कथित यौन उत्पीड़न मामले में BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी है. आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ 7 पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में दो अदालतों में चार्जशीट दाखिल की है. एक चार्जशीट 6 बालिग महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराई गई FIR पर रॉउज एवन्यू कोर्ट में दाखिल की गई है. जबकि दूसरी चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में नाबालिग पहलवान की FIR पर दाखिल की गई है. नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण को क्लीन चिट दी है.
दिल्ली पुलिस ने 550 पेज की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि POCSO की शिकायत को लेकर कोई सबूत नहीं मिला है. ऐसे में पुलिस ने कोर्ट में बृजभूषण के खिलाफ POCSO के तहत दर्ज केस हटाने की सिफारिश की है. इतना ही नहीं पुलिस का कहना है कि POCSO मामले में जांच पूरी होने के बाद इस मामले को रद्द करने की सिफारिश की गई है. शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर ही पुलिस ने ये रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी है.
नाबालिग ने क्या आरोप लगाया था?
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. सात महिला पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम ने आदेश दिया था, जिसके बाद बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज हुई. पीड़ित पहलवानों में एक नाबालिग लड़की थी. ऐसे में POCSO के तहत भी मामला दर्ज हुआ.
FIR में नाबालिग लड़की के पिता ने आरोप लगाया था कि बृजभूषण शरण सिंह ने उनकी बेटी को जबरन अपनी ओर खींचा और उसका यौन उत्पीड़न किया. पिता का कहना था कि इस घटना के बाद बेटी बहुत परेशान हो गई और धीरे-धीरे उसकी तबीयत खराब होने लगी. FIR के मुताबिक, ‘बृजभूषण ने ये था कि आप मेरा समर्थन करें, मैं आपका समर्थन करूंगा. मेरे संपर्क में रहो.”
कुछ रोज बाद यौन शोषण का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपना बयान बदल दिया. अपने पहले बयान में जहां उन्होंने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, वहीं बदले बयान में कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर भेदभाव करने का आरोप लगाया.
पिता ने बताया यौन शोषण का आरोप क्यों लगाया?
नाबालिग महिला पहलवान के पिता ने फोन पर बताया था,
‘मेरी बेटी ने 164 के तहत दिए गए अपने पुराने बयान को बदल दिया है. बृजभूषण सिंह पर पहले उसने जो यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे, वह नए बयान में नहीं है. मैं इस वक्त परेशान हूं और चाहता हूं कि मेरे परिवार को अकेला छोड़ दिया जाए.’
महिला पहलवान के पिता ने आगे कहा,
‘मैंने केस गुस्से में आकर किया था. तब बृजभूषण और भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने एशियाई चैंपियनशिप की चयन प्रक्रिया में पक्षपातपूर्ण फैसले लिए थे. इससे बेटी प्रभावित हुई थी. महिला पहलवान के पिता ने यह भी कहा कि जब पहलवान शुरू में विरोध पर बैठे तो शिकायत गुस्से के चलते की गई थी, क्योंकि उन्हें अब भी लगता है कि चयन प्रक्रिया में उनकी बेटी के साथ गलत व्यवहार हुआ था.’
नाबालिग लड़की के पिता ने ये भी बताया था
नाबालिग लड़की के पिता ने ये भी बताया था कि फिलहाल उन्होंने केस तो वापस नहीं लिया है, लेकिन बयान नए सिरे से रिकॉर्ड कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि बेटी के प्रमाणपत्रों से कोई भी छेड़छाड़ नहीं की गई है, उनकी बेटी नाबालिग है.
सरकार ने पहलवानों को दिया है 15 दिन का समय
7 जून को प्रदर्शनकारी पहलवान केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिले थे. इन्होंने सरकार के सामने बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी सहित 5 मांगें रखी थीं. इन मांगों के लिए सरकार ने आंदोलनकारी पहलवानों को 15 जून तक का समय दिया था. हालांकि, पहलवानों को भाजपा सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है.
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